Tuesday 18 May 2021

टेका राम मिस्त्री

स्वर्गीय टेका राम मिस्त्री : दौलतपुर सिमरी गांव में विश्वकर्मा परिवार को सबसे पहले बसाने का श्रेय इन्हें ही जाता है. कहा जाता है कि साल 1716 ई. में आरा के उदवंतनगर से ये रोजी – रोजगार की तलाश में पटना जिला के बिहटा प्रखंड स्थित दौलतपुर सिमरी गांव में पहुंचे थे. यहां की हवा – पानी इन्हें इतनी रास आई कि अपने परिवार समेत ये इसी गांव में बस गए. और आज के समय में एक – दो परिवारों को छोड़ दें तो दौलतपुर सिमरी गांव में जितने विश्वकर्मा परिवार आपको मिलेंगे सब स्वर्गीय टेका राम मिस्त्री के ही वंशज हैं.    
हालांकि, इनके बेटों और चली आ रही इनके बाद की कई पीढ़ियों की कोई जानकारी उपलब्ध नहीं हो पा रही है. 
ऐसे में हमारे इस विश्वकर्मा वंशावली में बीच की कुछ पीढ़ियों की जानकारी आपको नहीं मिलेगी. वहीं जैसे – जैसे जो जानकारी मिलती गई उसके अनुसार हमने अपने परिवार की एक – एक कड़ी को एक – दूसरे से मिलाने की कोशिश की है. लेकिन सूचनाएं उपलब्ध नहीं होने की वजह से ये विश्वकर्मा वंशावली तीन भागों में बंट गई.
ऐसे में, परिवार के किन्हीं सदस्यों को अगर इनसे ऊपर के पीढ़ियों की जानकारी मिले तो जरूर उपलब्ध कराएं. ताकि अपने वंश की पीढ़ी – दर – पीढ़ी जानकारी को एक-दूसरे से आपस में जोड़ सकें. 
रिश्तों की ये जमापूंजी अगर कायम रहेगी, तभी तो हम अपने गौरवशाली अतीत से हमारे आने वाले भविष्य की पहचान करा पाएंगे.


नोट : दौलतपुर सिमरी गांव से जुड़े अपने विश्वकर्मा परिवार की सभी पुरानी और नई जानकारी समेटने की हमारी कोशिश लगातार जारी है. अगर आपको इसमें कुछ भी त्रुटिपूर्ण या जानकारी अधूरी लगती है तो आपसे निवेदन है कि दिए गए ईमेल ( vishwakarmavanshawali@gmail.com ) पर हमें सूचित करें. ताकि संशोधन कर इसे अपडेट किया जा सके.


Monday 17 May 2021

सरयुग विश्वकर्मा

सरयुग विश्वकर्मा : हुसैनी विश्वकर्मा के ये तीसरे बेटे थे. चैतू विश्वकर्मा इनके दादा जी का नाम था. बड़े भाई पूरण विश्वकर्मा की तरह इनके भी तीन बेटे थे :

अमरनाथ विश्वकर्मा 
अमर देव विश्वकर्मा 
अमर सेन विश्वकर्मा 
  

नोट : दौलतपुर सिमरी गांव से जुड़े अपने विश्वकर्मा परिवार की सभी पुरानी और नई जानकारी समेटने की हमारी कोशिश लगातार जारी है. अगर आपको इसमें कुछ भी त्रुटिपूर्ण या जानकारी अधूरी लगती है तो आपसे निवेदन है कि दिए गए ईमेल ( vishwakarmavanshawali@gmail.com ) पर हमें सूचित करें. ताकि संशोधन कर इसे अपडेट किया जा सके.

दीना विश्वकर्मा

दीना विश्वकर्मा : ये हुसैनी विश्वकर्मा के दूसरे बेटे थे. इनके दादा जी का नाम चैतू विश्वकर्मा था. जानकारी के मुताबिक इनकी कोई औलाद नहीं थी.  
 
नोट : दौलतपुर सिमरी गांव से जुड़े अपने विश्वकर्मा परिवार की सभी पुरानी और नई जानकारी समेटने की हमारी कोशिश लगातार जारी है. अगर आपको इसमें कुछ भी त्रुटिपूर्ण या जानकारी अधूरी लगती है तो आपसे निवेदन है कि दिए गए ईमेल ( vishwakarmavanshawali@gmail.com ) पर हमें सूचित करें. ताकि संशोधन कर इसे अपडेट किया जा सके.


पूरण विश्वकर्मा

पूरण विश्वकर्मा : इनके पिता जी का नाम हुसैनी विश्वकर्मा और दादाजी का नाम चैतू विश्वकर्मा था.
शादी के बाद इनके तीन बेटे हुए, जिनके नाम थे :

भगवान विश्वकर्मा 
नारायण विश्वकर्मा 
विश्वनाथ विश्वकर्मा 
  

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हुसैनी विश्वकर्मा

हुसैनी विश्वकर्मा : ये चैतू विश्वकर्मा के एकलौते बेटे थे. इनके तीन बेटे हुए, जिनके नाम थे :

पूरण विश्वकर्मा 
दीना विश्वकर्मा 
सरयुग विश्वकर्मा 
  

नोट : दौलतपुर सिमरी गांव से जुड़े अपने विश्वकर्मा परिवार की सभी पुरानी और नई जानकारी समेटने की हमारी कोशिश लगातार जारी है. अगर आपको इसमें कुछ भी त्रुटिपूर्ण या जानकारी अधूरी लगती है तो आपसे निवेदन है कि दिए गए ईमेल ( vishwakarmavanshawali@gmail.com ) पर हमें सूचित करें. ताकि संशोधन कर इसे अपडेट किया जा सके.


चैतू विश्वकर्मा

चैतू विश्वकर्मा : इनके पिता जी के नाम की जानकारी अभी तक नहीं मिल पायी है. लेकिन बताया गया है कि चैतू विश्वकर्मा और काशी विश्वकर्मा और दोनों सगे भाई थे.
चैतू विश्वकर्मा के एक बेटे थे:
हुसैनी विश्वकर्मा 

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Sunday 16 May 2021

नंदन भारती

नंदन भारती : ये राधाकांत विश्वकर्मा की तीसरी संतान हैं. इनका निवास मुम्बई में है. इन्हें एक बेटा और एक बेटी है.
बेटे का नाम है :
आशु 
  

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अशोक विश्वकर्मा

 अशोक विश्वकर्मा : राधाकांत विश्वकर्मा के ये दूसरे बेटे हैं. इनका कोई बेटा नहीं है.  

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डॉ. शालिग्राम विश्वकर्मा

 डॉ. शालिग्राम विश्वकर्मा : अपने पिता राधाकांत विश्वकर्मा के सबसे बड़े बेटे हैं. ये पेशे से डॉक्टर हैं. आईएमए यानि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष भी रह चुके हैं. वर्तमान में ये छपरा में निवास कर रहे हैं.
इनका एक बेटा है जिसका नाम है :
अंशु कृष्णा     
 

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राधाकांत विश्वकर्मा

राधाकांत विश्वकर्मा : ये ठाकुर विश्वकर्मा के बेटे थे. इनके दादा का नाम काशी विश्वकर्मा था. 
इनके तीन बेटे हुए, जिनके नाम हैं :
शालिग्राम विश्वकर्मा 
अशोक विश्वकर्मा 
नंदन भारती    

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ठाकुर विश्वकर्मा

 ठाकुर विश्वकर्मा : इनके पिता जी का नाम काशी विश्वकर्मा था, वहीं चैतू विश्वकर्मा इनके चाचा थे. लेकिन इनके दादा – परदादा कौन थे ये जानकारी अभी उपलब्ध नहीं है. 

इनका एक बेटा था, जिनका नाम था :

राधाकांत विश्वकर्मा   


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काशी विश्वकर्मा

काशी विश्वकर्मा : इनके पिता जी के नाम की जानकारी अभी तक नहीं मिल पायी है. लेकिन बताया गया है कि काशी विश्वकर्मा और चैतू विश्वकर्मा दोनों सगे भाई थे.

काशी विश्वकर्मा के एक बेटे थे:
ठाकुर विश्वकर्मा    

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विश्वकर्मा वंशावली 1.4.4 गोरखनंदन विश्वकर्मा

गोरखनंदन विश्वकर्मा : ये रामनाथ विश्वकर्मा के सबसे छोटे बेटे थे. परिवार में चले आ रहे चांदी के पुस्तैनी धंधे से इनका जुड़ाव नहीं था, बल्कि ये वित्त विभाग में नौकरी करते थे. इनका विवाह सुशीला देवी से हुआ था. जिसके बाद इन्हें तीन बेटे और चार बेटियां हुई. 
गांव में इन्होंने अपनी दादी पावित्री देवी ( दादा – धन्नूराम मिस्त्री ) के नाम से बालिकाओं के लिए सरकारी स्कूल खुलवाया. वहीं अपनी पत्नी सुशीला देवी की मृत्यु (साल 2012 ) के बाद 'सुशीला देवी मेमोरियल ट्रस्ट' का गठन कर उसके माध्यम से अपनी माता ब्रह्मावती देवी और पिता रामनाथ विश्वकर्मा के नाम पर BRNV Mahila Inter College खुलवाया. इसके अलावे इन्होंने सूचना का अधिकार मंच की स्थापना कर लोगों के लिए काफी मदद किया करते थे. वहीं अपने समाज को आगे बढ़ाने के लिए भी जीवन भर प्रयत्नशील रहे. इनकी मृत्यु 22 जुलाई 2020 को हो गई.

बेटों के नाम :
राकेश विश्वकर्मा (बबलू) 
मुकेश कुमार गांधी 
ऋषिकेश विश्वकर्मा (चंपक)

बेटियों के नाम :
बेबी विश्वकर्मा 
पूनम शर्मा (डेजी) 
ज्योति शर्मा (डौली) 
पिंकी शर्मा 
   
नोट : दौलतपुर सिमरी गांव से जुड़े अपने विश्वकर्मा परिवार की सभी पुरानी और नई जानकारी समेटने की हमारी कोशिश लगातार जारी है. अगर आपको इसमें कुछ भी त्रुटिपूर्ण या जानकारी अधूरी लगती है तो आपसे निवेदन है कि दिए गए ईमेल ( vishwakarmavanshawali@gmail.com ) पर हमें सूचित करें. ताकि संशोधन कर इसे अपडेट किया जा सके.


Friday 14 May 2021

विश्वकर्मा वंशावली 1.5.1 राजनाथ विश्वकर्मा

राजनाथ विश्वकर्मा : स्वर्गीय श्यामनाथ विश्वकर्मा के ये एकलौते पुत्र थे जो अपने पारंपरिक पेशे से हट कर बिहार के आरा में लकड़ी का कारोबार करते थे. शहर में इनका अपना आरा मशीन चलता था. इनके दो बेटे हुए, जिनके नाम थे :
बबन विश्वकर्मा 
रहिस विश्वकर्मा
  


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Wednesday 12 May 2021

विश्वकर्मा वंशावली 1.4.3 पारसनाथ विश्वकर्मा

पारसनाथ विश्वकर्मा : ये रामनाथ विश्वकर्मा के तीसरे बेटे हैं. इन्होंने भी अपने सबसे बड़े भाई राम जतन आजाद की तरह चांदी के पुस्तैनी काम से खुद को दूर रखा. ये पटना में इंडिया मशीनरी कंपनी में नौकरी करते थे. इनकी शादी कौशल्या देवी से हुई थी. संतान के रूप में इन्हें एक बेटा और एक बेटी हुई.

बेटा का नाम है : 
प्रेमचंद विश्वकर्मा 
बेटी का नाम है :
माधुरी विश्वकर्मा       


नोट : दौलतपुर सिमरी गांव से जुड़े अपने विश्वकर्मा परिवार की सभी पुरानी और नई जानकारी समेटने की हमारी कोशिश लगातार जारी है. अगर आपको इसमें कुछ भी त्रुटिपूर्ण या जानकारी अधूरी लगती है तो आपसे निवेदन है कि दिए गए ईमेल ( vishwakarmavanshawali@gmail.com ) पर हमें सूचित करें. ताकि संशोधन कर इसे अपडेट किया जा सके.

विश्वकर्मा वंशावली 1.4.2 रामधारी विश्वकर्मा

रामधारी विश्वकर्मा : ये रामनाथ विश्वकर्मा के मंझले बेटे थे. शुरू में इन्होंने कुछ सालों तक नौकरी की थी. फिर पिता के कहने पर गांव लौट आए और चांदी से जुड़ा अपना पुस्तैनी कारोबार संभाल लिया.
इनकी शादी भागवती देवी से हुई. जिनसे इन्हें 5 बेटे और 3 बेटियां हुई.  
वो बताते थे जब देश में आंदोलन हुआ था यानी 1942 से ही गांव में चांदी से गहने बनाने का काम किया जा रहा है. तब यहां हमारे बाबूजी रामनाथ विश्वकर्मा के अलावे प्यारेलाल, रंगी विश्वकर्मा, बासुदेव विश्वकर्मा सहित कई लोग इस काम में लगे थे.उस वक़्त ये काम काफी बड़े पैमाने पर किया जाता था. हमारे यहां चांदी से बनने वाले गहने जैसे चूड़ी, बेड़ा, कर्ण फूल आदि बनाने के लिए 80 लोग बहाल थे. आज वाली स्थिति नहीं थी. अंग्रेजों का शासन था. बिजली नहीं हुआ करती थी. गैस जलाने के लिए किरोसिन तेल का प्रयोग किया जाता था. तब दानापुर के एसडीओ ऑफिस से तेल का कोटा पास करा कर महीने में सात टिन तेल लेते थे. वहीं कच्चा माल के रूप में चांदी तत्कालीन कलकत्ता ( कोलकाता ) से आता था. हंसते हुए कहते थे कि उस समय की बात ही कुछ और थी. तीन – तीन हजार भर के चांदी का एक – एक सिल्ली वहां से रेलवे पार्सल के माध्यम से आता था. दानापुर से गांव लाने के लिए बैल गाड़ी या टमटम को भेज देते थे. चोरी का भी कोई डर – भय नहीं होता था. फिर इसी चांदी से यहां बाजू ( बांह में पहना जाने वाला आभूषण ), कर्ण फूल ( कान में पहनने के लिए 8 – 8 भर का होता था, इसकी खासियत थी कि ये प्योर चांदी से बना होता था ), बेड़ा ( इसे बच्चों को पहनाया जाता था ), महिलाओं के लिए चांदी की चूड़ी, करधनी ( चांदी की कई लड़ियों से इसे बनाया जाता था जिसे महिलाएं कमर में पहनती थी ), बिछिया ( ये आकार में छोटा होता था जिसे पैरों की अँगुलियों में पहना जाता था ), हमल ( चांदी से बने ये आभूषण आकार में बड़े होते थे, जो गले से नाभि तक लटके रहते थे ), ऐसे – ऐसे कई तरह के आभूषणों का निर्माण किया जाता था. फिर इन तैयार मालों को बिहार के कई शहरों के अलावे दिल्ली, यूपी, कलकत्ता आदि जगहों पर भेजा जाता था. ये काम गांव में आज भी उसी तरह से किया जा रहा है.    
रामधारी विश्वकर्मा का निधन 28 अप्रैल 2021 को हो गया. इनसे पहले इनकी पत्नी भागवती देवी भी 13 नवंबर, 2019 में स्वर्ग सिधार गईं.

पांच बेटों के नाम निम्नलिखित है :

जय गोविंद विश्वकर्मा 
अवध बिहारी विश्वकर्मा 
किशोर विश्वकर्मा 
अनिल विश्वकर्मा 
सुनील विश्वकर्मा 

तीन बेटियों के नाम :
वीणा विश्वकर्मा 
रंजना शर्मा (पुतुल)
गुड़िया शर्मा 
                                     


नोट : दौलतपुर सिमरी गांव से जुड़े अपने विश्वकर्मा परिवार की सभी पुरानी और नई जानकारी समेटने की हमारी कोशिश लगातार जारी है. अगर आपको इसमें कुछ भी त्रुटिपूर्ण या जानकारी अधूरी लगती है तो आपसे निवेदन है कि दिए गए ईमेल ( vishwakarmavanshawali@gmail.com ) पर हमें सूचित करें. ताकि संशोधन कर इसे अपडेट किया जा सके.

विश्वकर्मा वंशावली 1.4.1 रामजतन आजाद विश्वकर्मा

रामजतन आजाद विश्वकर्मा : अपने पिता रामनाथ विश्वकर्मा के ये बड़े बेटे थे. आईटीआई में सुपरवाइजर की नौकरी करते थे. इस कारण इन्हें हमेशा अलग – अलग शहरों में रहना पड़ता था. इनकी शादी सुशीला देवी से हुई थी. जिसके बाद इन्हें दो बेटे और चार बेटियां हुई थी.

बेटों के नाम इस प्रकार हैं :
नवल किशोर विश्वकर्मा 
चंद्र भूषण विश्वकर्मा 

बेटियों के नाम हैं : 
कांति विश्वकर्मा 
निर्मला विश्वकर्मा 
शशि विश्वकर्मा 
गुड़िया विश्वकर्मा    




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विश्वकर्मा वंशावली 1.1.2.2 बिंदेश्वरी विश्वकर्मा

बिंदेश्वरी विश्वकर्मा : ये राम नरेश विश्वकर्मा के दूसरे बेटे हैं. इनका रुझान शुरू से अपने पुस्तैनी कारोबार से अलग पढ़ाई – लिखाई में ज्यादा रहता था. जानकारी के मुताबिक ये आई टी आई में नौकरी करते थे. इसी के कारण इन्हें अपना गांव छोड़ बाहर जाना पड़ा.
इनके तीन बेटे थे :
बेलभद्र विश्वकर्मा 

आगे की जानकारी उपलब्ध नहीं है.  


नोट : दौलतपुर सिमरी गांव से जुड़े अपने विश्वकर्मा परिवार की सभी पुरानी और नई जानकारी समेटने की हमारी कोशिश लगातार जारी है. अगर आपको इसमें कुछ भी त्रुटिपूर्ण या जानकारी अधूरी लगती है तो आपसे निवेदन है कि दिए गए ईमेल ( vishwakarmavanshawali@gmail.com ) पर हमें सूचित करें. ताकि संशोधन कर इसे अपडेट किया जा सके.

विश्वकर्मा वंशावली 1.1.2.1 राघोराम विश्वकर्मा

 राघोराम विश्वकर्मा : ये नथुनी विश्वकर्मा के दूसरे बेटे राम नरेश विश्वकर्मा के बेटे हैं. दौलतपुर सिमरी गांव में ये भी चांदी का अपना पुस्तैनी कारोबार किया करते थे. इनके दो बेटे हैं :
रामाशंकर विश्वकर्मा (गुड्डू)
मनोज विश्वकर्मा   
    
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विश्वकर्मा वंशावली 1.1.1.3 शिवशंकर विश्वकर्मा

 
शिवशंकर विश्वकर्मा : ये दादा नथुनी विश्वकर्मा के पोते और बासुदेव विश्वकर्मा के तीसरे बेटे थे. अपने बड़े भाई की तरह इनका भी चांदी से जुड़ा कारोबार था. इनके चार बेटे हुए, जिनके नाम इस प्रकार हैं :
कबलू विश्वकर्मा 
शेखर विश्वकर्मा 
चन्दन विश्वकर्मा 
कुणाल विश्वकर्मा 
  


नोट : दौलतपुर सिमरी गांव से जुड़े अपने विश्वकर्मा परिवार की सभी पुरानी और नई जानकारी समेटने की हमारी कोशिश लगातार जारी है. अगर आपको इसमें कुछ भी त्रुटिपूर्ण या जानकारी अधूरी लगती है तो आपसे निवेदन है कि दिए गए ईमेल ( vishwakarmavanshawali@gmail.com ) पर हमें सूचित करें. ताकि संशोधन कर इसे अपडेट किया जा सके.

विश्वकर्मा वंशावली 1.1.1.2 केशो विश्वकर्मा

 केशो विश्वकर्मा : ये दादा नथुनी विश्वकर्मा के पोते और बासुदेव विश्वकर्मा के दूसरे बेटे थे. रोजी – रोजगार की मजबूरी ने इन्हें अपने गांव दौलतपुर सिमरी से दूर कर दिया था. जानकारी के मुताबिक ये टाटा में काम किया करते थे. इनके दो बेटे हुए. ये लोग भी बाहर ही रह गए.
बेटों के नाम उपलब्ध नहीं हैं.
      

नोट : दौलतपुर सिमरी गांव से जुड़े अपने विश्वकर्मा परिवार की सभी पुरानी और नई जानकारी समेटने की हमारी कोशिश लगातार जारी है. अगर आपको इसमें कुछ भी त्रुटिपूर्ण या जानकारी अधूरी लगती है तो आपसे निवेदन है कि दिए गए ईमेल ( vishwakarmavanshawali@gmail.com ) पर हमें सूचित करें. ताकि संशोधन कर इसे अपडेट किया जा सके.

विश्वकर्मा वंशावली 1.1.1.1 रामसागर विश्वकर्मा

रामसागर विश्वकर्मा : ये बासुदेव विश्वकर्मा के पहले सुपुत्र थे. गांव में अन्य सभी की तरह ये भी चांदी का ही व्यापार करते थे. ईश्वर की अनुकंपा से इन्हें एक बेटा हुआ था ‘बलराम’. लेकिन हाय रे किस्मत, मेहनत से जिसे पाल-पोस कर बड़ा किया, सुन्दर संस्कारों वाली कन्या से विवाह करवाया, लेकिन शादी के कुछ ही दिनों बाद कुएं में गिरने से बलराम की मौत हो गई. 


नोट : दौलतपुर सिमरी गांव से जुड़े अपने विश्वकर्मा परिवार की सभी पुरानी और नई जानकारी समेटने की हमारी कोशिश लगातार जारी है. अगर आपको इसमें कुछ भी त्रुटिपूर्ण या जानकारी अधूरी लगती है तो आपसे निवेदन है कि दिए गए ईमेल ( vishwakarmavanshawali@gmail.com ) पर हमें सूचित करें. ताकि संशोधन कर इसे अपडेट किया जा सके.        


Tuesday 11 May 2021

विश्वकर्मा वंशावली 1.2.1 रामानंदी विश्वकर्मा

 रामानंदी विश्वकर्मा : रामवृक्ष विश्वकर्मा के ये पहले बेटे थे. इनका भी व्यवसाय चांदी से ही जुड़ा था. इनके 5 बेटे थे.
विमल विश्वकर्मा 
छोटन विश्वकर्मा 
प्रेम विश्वकर्मा 
दिलीप विश्वकर्मा 
शिव विश्वकर्मा 

नोट : इनके संबंध में पूरी जानकारी उपलब्ध नहीं है. अगर कोई इनके परिवार के बारे में सूचना देना चाहे तो कृपया यहां अपडेट दे सकते हैं ( ईमेल : vishwakarmavanshawali@gmail.com )     

विश्वकर्मा वंशावली 1.1.3 राधा विश्वकर्मा

 राधा विश्वकर्मा : पिता नथुनी विश्वकर्मा की दूसरी पत्नी से जन्म लेने वाले ये एकमात्र बेटे थे. काम – धंधा कुछ भी नहीं करते थे. शायद यही कारण है कि इनकी किस्मत ने भी इनका साथ नहीं दिया. बेटा तो नहीं हुआ, पर एक बेटी थी, जिनकी शादी बनारस में हुई है. इनकी मौत भी अपने गांव – घर में नहीं हुई. कहां – कैसे हुई किसी को नहीं पता.


विश्वकर्मा वंशावली 1.1.2 राम नरेश विश्वकर्मा

राम नरेश विश्वकर्मा : इनके पिता नथुनी विश्वकर्मा की दो पत्नियां थी. पहली पत्नी से जन्मे राम नरेश विश्वकर्मा दूसरे बेटे थे.  ये भी अपने बड़े भाई बासुदेव विश्वकर्मा की तरह चांदी से जुड़े काम करते थे. इनके दो बेटे हुए, जिनके नाम हैं :
राघोराम विश्वकर्मा 
बिंदेश्वरी विश्वकर्मा   
  

विश्वकर्मा वंशावली 1.1.1 बासुदेव विश्वकर्मा

 बासुदेव विश्वकर्मा : इनके पिता नथुनी विश्वकर्मा की दो पत्नियां थी. पहली पत्नी से जन्मे बासुदेव विश्वकर्मा चांदी से जुड़े काम करते थे. इनके तीन बेटे हुए जिनके नाम हैं :
रामसागर विश्वकर्मा
केशो विश्वकर्मा 
शिवशंकर विश्वकर्मा    


नोट : दौलतपुर सिमरी गांव से जुड़े अपने विश्वकर्मा परिवार की सभी पुरानी और नई जानकारी समेटने की हमारी कोशिश लगातार जारी है. अगर आपको इसमें कुछ भी त्रुटिपूर्ण या जानकारी अधूरी लगती है तो आपसे निवेदन है कि दिए गए ईमेल 
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विश्वकर्मा वंशावली 1.4.2 रंगी विश्वकर्मा

 रंगी विश्वकर्मा : ये राम लगन मिस्त्री के दूसरे बेटे थे. बड़े भाई की तरह इनका कारोबार लोहे से जुड़ा नहीं था, बल्कि ये चांदी के गहनों का निर्माण करते थे. इनके कितने बेटे थे इसकी जानकारी उपलब्ध नहीं हो पाई है. 
अगर आपके पास इनसे जुड़ी कोई जानकारी हो तो हमें यहां (ईमेल : vishwakarmavanshawali@gmail.com) जरुर बताएं ताकि सही जानकारी अपडेट कर सकें.     

विश्वकर्मा वंशावली 1.4.1 गुलाबचंद विश्वकर्मा

 गुलाबचंद विश्वकर्मा : राम लगन मिस्त्री के ये बड़े सुपुत्र थे. जो बिहटा के दौलतपुर सिमरी में लोहे का काम करते थे. इनके दो लड़के हुए.

आगे की जानकारी उपलब्ध नहीं है.

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विश्वकर्मा वंशावली 1.3.3 छठठु विश्वकर्मा

 
छठठु विश्वकर्मा : ये मन्नू मिस्त्री के तीसरे बेटे थे. ये भी लोहे के कारोबार से जुड़े थे. इन्हें दो बेटे हुए. जिनके नाम हैं :
शंभू विश्वकर्मा
भोला विश्वकर्मा     

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विश्वकर्मा वंशावली 1.3.2 राम ध्यान मिस्त्री

 राम ध्यान मिस्त्री : मन्नू मिस्त्री के ये दूसरे बेटे थे. इनका भी काम लोहे से ही जुड़ा था. ये लेथ मशीन चलाते थे. विवाह के उपरान्त इनके 6 बेटे हुए, जिनके नाम निम्नलिखित हैं :

मदन विश्वकर्मा 

गोपाल विश्वकर्मा 

माधव विश्वकर्मा 

साधव विश्वकर्मा 

सुंदरलाल विश्वकर्मा 

कामता विश्वकर्मा        


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विश्वकर्मा वंशावली 1.3.1 सखीचंद विश्वकर्मा

सखीचंद विश्वकर्मा : ये मन्नू मिस्त्री के बड़े सुपुत्र थे. गांव में ही ये खेतों में काम आने वाली लोहे से बनी वस्तुएं जैसे हसुआ, खुरपी आदि औजारों का निर्माण करते थे. इनका कोई बेटा नहीं था. बस एक बेटी थी.  


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विश्वकर्मा वंशावली 1.2.3 लक्ष्मी विश्वकर्मा

 लक्ष्मी विश्वकर्मा : जन्नू मिस्त्री के ये तीसरे पुत्र थे. बिहटा के दौलतपुर सिमरी गांव में ये भी अपने दोनों भाइयों की तरह चांदी के जेवर बनाने का काम करते थे. इन्हें विवाह के बाद दो बेटे हुए :

गया विश्वकर्मा

गजाधर विश्वकर्मा

  

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विश्वकर्मा वंशावली 1.2.2 लखी विश्वकर्मा

लखी विश्वकर्मा : जन्नु मिस्त्री के ये दूसरे पुत्र थे.ये भी जीवनयापन करने के लिए अपने भाइयों की तरह चांदी के गहने बनाया करते थे. इनके तीन बेटे हुए.

1.       सुभाष विश्वकर्मा

2.       चनेश विश्वकर्मा

3.       गणेश विश्वकर्मा


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विश्वकर्मा वंशावली 1.2.1 गोपीचंद विश्वकर्मा

 गोपीचंद विश्वकर्मा: जन्नुराम मिस्त्री के ये बड़े पुत्र थे. संतान के रूप में इन्हें सिर्फ एक बेटी हुई. एक भी बेटा नहीं होने से इस खानदान में इनका वंश आगे नहीं बढ़ सका और यही समाप्त हो गया. इनकी होनेवाली एकमात्र बेटी (पनकुड़ी बुआ) की शादी आरा में एक स्टेशन मास्टर से हुई थी. 


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विश्वकर्मा वंशावली 1.5 श्यामनाथ विश्वकर्मा

श्यामनाथ विश्वकर्मा: ये धन्नूराम मिस्त्री के पांचवे बेटे थे. इनका भी काम चांदी से ही जुडा था. बिहटा में इनकी सर्राफा की दूकान थी. इनका सिर्फ एक ही बेटा था, जिसका नाम था:

राजनाथ विश्वकर्मा


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विश्वकर्मा वंशावली 1.4 रामनाथ विश्वकर्मा

रामनाथ विश्वकर्मा : चांदी के साथ साथ ये अन्य काम भी करते थे. गिरिडीह के वैधनाथ शर्मा और गिद्धोर के महाराज के साथ पार्टनरशिप में अबरक का कारोबार करते थे. गिरिडीह में अबरक का खान था. बाद में गिद्धोर के महाराज के साथ इनकी पार्टनरशिप टूट गयी. गिद्धोर के महाराज ने इनपर गलत आरोप लगा कर इन्हें फंसा दिया. जिसके बाद तत्कालीन ब्रिटिश सरकार ने इनपर 125 रूपए जो उस वक़्त एक बड़ी रकम होती थी, का जुर्माना लगा दिया. जिसके बाद रामनाथ विश्वकर्मा ने खुद को निर्दोष साबित करने के लिए अपनी पूरी सम्पति बेच डाली और गिद्धोर महाराज के खिलाफ केस कर दिया. इनके अपील पर सुनवाई हुई और आखिरकार इन्हें ही जीत मिली. गिद्धोर महाराज को 24 घंटे के लिए जेल जाना पड़ा.

इनके चार बेटे और दो बेटियां हुई.

चारों बेटों का नाम निम्नलिखित है:

1.       रामजतन आजाद विश्वकर्मा 

2.      रामधारी विश्वकर्मा

3.      पारसनाथ विश्वकर्मा

4.      गोरखनंदन विश्वकर्मा

दो बेटियों का नाम:

1.       इंदु देवी: इनकी शादी बिहार के पटना जिला स्थित फतुहा में हुई.

2.       मनोरमा देवी: इनका निवास दिल्ली में है.  


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विश्वकर्मा वंशावली 1.3 रामप्रीत विश्वकर्मा

रामप्रीत विश्वकर्मा : ये धन्नूराम मिस्त्री के तीसरी संतान थे. इनका व्यवसाय भी चांदी से ही जुडा था. अपने बड़े भाई नथुनी विश्वकर्मा की ही तरह इन्होने भी दो-दो शादियाँ रचाई थी. इनकी दोनों पत्नियों से इन्हें चार-चार लड़के हुए.

पहली पत्नी से होने वाले बेटे:

                                 राम पदारथ विश्वकर्मा

                                श्रीनाथ विश्वकर्मा 

                श्रीराम विश्वकर्मा

                              आदित्य नारायण विश्वकर्मा

दूसरी पत्नी से होने वाले बेटे:

                                     महादेव विश्वकर्मा

                               विजय विश्वकर्मा

               दिनेश विश्वकर्मा

                              रमेश विश्वकर्मा


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विश्वकर्मा वंशावली 1.2 रामवृक्ष विश्वकर्मा

 रामवृक्ष विश्वकर्मा: ये धन्नूराम विश्वकर्मा के दूसरे पुत्र थे. ये भी चांदी का कारोबार करते थे. चांदी के बने आभूषण की फेरी लगाते थे. इनके दो बेटे थे.

1             रामानंदी विश्वकर्मा

2            केदारनाथ विश्वकर्मा 

  

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विश्वकर्मा वंशावली 1.1 नथुनी विश्वकर्मा

 

नथुनी विश्वकर्मा : ये धन्नूराम मिस्त्री के बड़े बेटे थे. इनके समय से ही गांव में चांदी का कारोबार शुरू हुआ. उस वक़्त चांदी से सिर्फ बाजू बनाने का काम होता था. इन्हें शराब पीने की आदत थी. घर की महिलाएं घर में ही संतरा, केला, किसमिस आदि का शराब प्राय बनाया करती थी, जिसका नथुनी विश्वकर्मा बड़े चाव से सेवन किया करते थे.

इन्होनें दो-दो शादियां की थी. इनकी पहली पत्नी से दो बेटा और दूसरी पत्नी से एक बेटा हुआ.

पहली पत्नी से होने वाली संतान:

                                             बासुदेव विश्वकर्मा

                                           रामनरेश विश्वकर्मा

दूसरी पत्नी से होने वाली संतान:

                                                      राधा विश्वकर्मा

 

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विश्वकर्मा वंशावली - 1 बालगोविन्द विश्वकर्मा के पुत्र

 स्वर्गीय बालगोविन्द विश्वकर्मा के चार पुत्र थे

 1. धन्नूराम मिस्त्री : ये शुरुआत में असम के तरफ रहते थे और वहीँ नौकरी करते थे. बाद में वापस अपने गांव दौलतपुर सिमरी लौट आये और गांव सहित आसपास के इलाकों में खेतों को खरीद कर जमींदारी करने लगे. पावित्री देवी से विवाह के बाद इन्हें पांच पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई. पाँचों पुत्र के नाम है:

                                        1.  नथुनी विश्वकर्मा

                            2.   रामवृक्ष विश्वकर्मा

                            3.   रामप्रीत विश्वकर्मा

                             4.  रामनाथ विश्वकर्मा

                             5. श्यामनाथ विश्वकर्मा

2.  जन्नूराम मिस्त्री : ये पेशे से कृषक थे और अपने गांव दौलतपुर सिमरी में ही रहकर खेती करते थे. इनके तीन लड़के हुए, जिनके नाम हैं:

                         1. गोपीचंद विश्वकर्मा

                   2. लखी विश्वकर्मा

                   3. लक्ष्मी विश्वकर्मा 

3.  मन्नूराम मिस्त्री : ये जाति के साथ साथ कर्म से भी लोहार थे. इनके तीन पुत्र थे.

                    1. सखीचंद विश्वकर्मा

                    2. रामध्यान विश्वकर्मा

                    3. छठठु विश्वकर्मा  

       4. राम लगन मिस्त्री : ये भी लोहे से जुड़ा काम करते थे. इनके दो बेटे हुए. जिनके नाम हैं :

                     1. गुलाबचंद विश्वकर्मा

                     2. रंगी विश्वकर्मा

 


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टेका राम मिस्त्री

स्वर्गीय टेका राम मिस्त्री : दौलतपुर सिमरी गांव में विश्वकर्मा परिवार को सबसे पहले बसाने का श्रेय इन्हें ही जाता है. कहा जाता है कि साल 171...