रामसागर विश्वकर्मा : ये बासुदेव विश्वकर्मा के पहले सुपुत्र थे. गांव में अन्य सभी की तरह ये भी चांदी का ही व्यापार करते थे. ईश्वर की अनुकंपा से इन्हें एक बेटा हुआ था ‘बलराम’. लेकिन हाय रे किस्मत, मेहनत से जिसे पाल-पोस कर बड़ा किया, सुन्दर संस्कारों वाली कन्या से विवाह करवाया, लेकिन शादी के कुछ ही दिनों बाद कुएं में गिरने से बलराम की मौत हो गई.
नोट : दौलतपुर सिमरी गांव से जुड़े अपने विश्वकर्मा परिवार की सभी पुरानी और नई जानकारी समेटने की हमारी कोशिश लगातार जारी है. अगर आपको इसमें कुछ भी त्रुटिपूर्ण या जानकारी अधूरी लगती है तो आपसे निवेदन है कि दिए गए ईमेल ( vishwakarmavanshawali@gmail.com ) पर हमें सूचित करें. ताकि संशोधन कर इसे अपडेट किया जा सके.
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