रामनाथ विश्वकर्मा : चांदी के साथ साथ ये अन्य काम भी करते थे. गिरिडीह के वैधनाथ शर्मा और गिद्धोर के महाराज के साथ पार्टनरशिप में अबरक का कारोबार करते थे. गिरिडीह में अबरक का खान था. बाद में गिद्धोर के महाराज के साथ इनकी पार्टनरशिप टूट गयी. गिद्धोर के महाराज ने इनपर गलत आरोप लगा कर इन्हें फंसा दिया. जिसके बाद तत्कालीन ब्रिटिश सरकार ने इनपर 125 रूपए जो उस वक़्त एक बड़ी रकम होती थी, का जुर्माना लगा दिया. जिसके बाद रामनाथ विश्वकर्मा ने खुद को निर्दोष साबित करने के लिए अपनी पूरी सम्पति बेच डाली और गिद्धोर महाराज के खिलाफ केस कर दिया. इनके अपील पर सुनवाई हुई और आखिरकार इन्हें ही जीत मिली. गिद्धोर महाराज को 24 घंटे के लिए जेल जाना पड़ा.
इनके चार बेटे और दो
बेटियां हुई.
चारों बेटों का नाम
निम्नलिखित है:
दो बेटियों का नाम:
1.
इंदु देवी: इनकी शादी बिहार
के पटना जिला स्थित फतुहा में हुई.
2. मनोरमा देवी: इनका निवास दिल्ली में है.
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