गोरखनंदन विश्वकर्मा : ये रामनाथ विश्वकर्मा के सबसे छोटे बेटे थे. परिवार में चले आ रहे चांदी के पुस्तैनी धंधे से इनका जुड़ाव नहीं था, बल्कि ये वित्त विभाग में नौकरी करते थे. इनका विवाह सुशीला देवी से हुआ था. जिसके बाद इन्हें तीन बेटे और चार बेटियां हुई.
गांव में इन्होंने अपनी दादी पावित्री देवी ( दादा – धन्नूराम मिस्त्री ) के नाम से बालिकाओं के लिए सरकारी स्कूल खुलवाया. वहीं अपनी पत्नी सुशीला देवी की मृत्यु (साल 2012 ) के बाद 'सुशीला देवी मेमोरियल ट्रस्ट' का गठन कर उसके माध्यम से अपनी माता ब्रह्मावती देवी और पिता रामनाथ विश्वकर्मा के नाम पर BRNV Mahila Inter College खुलवाया. इसके अलावे इन्होंने सूचना का अधिकार मंच की स्थापना कर लोगों के लिए काफी मदद किया करते थे. वहीं अपने समाज को आगे बढ़ाने के लिए भी जीवन भर प्रयत्नशील रहे. इनकी मृत्यु 22 जुलाई 2020 को हो गई.
गांव में इन्होंने अपनी दादी पावित्री देवी ( दादा – धन्नूराम मिस्त्री ) के नाम से बालिकाओं के लिए सरकारी स्कूल खुलवाया. वहीं अपनी पत्नी सुशीला देवी की मृत्यु (साल 2012 ) के बाद 'सुशीला देवी मेमोरियल ट्रस्ट' का गठन कर उसके माध्यम से अपनी माता ब्रह्मावती देवी और पिता रामनाथ विश्वकर्मा के नाम पर BRNV Mahila Inter College खुलवाया. इसके अलावे इन्होंने सूचना का अधिकार मंच की स्थापना कर लोगों के लिए काफी मदद किया करते थे. वहीं अपने समाज को आगे बढ़ाने के लिए भी जीवन भर प्रयत्नशील रहे. इनकी मृत्यु 22 जुलाई 2020 को हो गई.
बेटों के नाम :
राकेश विश्वकर्मा (बबलू)
मुकेश कुमार गांधी
ऋषिकेश विश्वकर्मा (चंपक)
राकेश विश्वकर्मा (बबलू)
मुकेश कुमार गांधी
ऋषिकेश विश्वकर्मा (चंपक)
बेटियों के नाम :
बेबी विश्वकर्मा
पूनम शर्मा (डेजी)
ज्योति शर्मा (डौली)
पिंकी शर्मा
नोट : दौलतपुर सिमरी गांव से जुड़े अपने विश्वकर्मा परिवार की सभी पुरानी और नई जानकारी समेटने की हमारी कोशिश लगातार जारी है. अगर आपको इसमें कुछ भी त्रुटिपूर्ण या जानकारी अधूरी लगती है तो आपसे निवेदन है कि दिए गए ईमेल ( vishwakarmavanshawali@gmail.com ) पर हमें सूचित करें. ताकि संशोधन कर इसे अपडेट किया जा सके.
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